Heat Wave का आतंक, ले रही हैं लोगों की जान 2024 pdf download

गर्मी का मौसम आते ही Heat Wave का खतरा मड़वाने लगता है। हालही के वर्षों में दुनिया में जलवायु परिवर्तन के परिणाम स्वरूप की आवृत्ति और तीव्रता में खतरनाक वृद्धि देखी है। भारत में आमतौर पर मार्च से जून की अवधि के दौरान Heat Wave का अनुभव होता है और हर मौसम में और सदन दो या तीन हीट वेव की घटनाएं होती है।

Heat Wave मुख्य रूप से दो क्षेत्र में देखी जाती है मध्य व उत्तर पश्चिम भारत में और तटीय आंध्र प्रदेश व उड़ीसा क्षेत्र में। वर्तमान शोध से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग ने पिछले तीन दशकों में हीट वेव की खतरे को बढ़ा दिया है। अत्यधिक उच्च तापमान की लंबी अवधि मानव स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र और सामाजिक आर्थिक स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती है।

Heat Wave है क्या ?

Heat Wave को अत्यधिक गर्म मौसम की लंबी अवधि के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें आमदौर पर उच्च आद्रता और न्यूनतम वर्षा होती है। हीट वेव्स चरम गर्म मौसम की लंबी अवधि होती है जो मानव स्वास्थ्य पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। स्थानीय भाषा में इस दौरान चलने वाली तेज गर्म हवाओं को लू कहा जाता है।

भारत एक उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण विशेष रूप से Heat Wave के प्रति अधिक संवेदनशील है और हालही के वर्षों में हीट वेव की आवृत्ति यहां अधिक तीव्र हो गई है। गौरतलाप है कि जब मैदानी इलाकों में किसी स्थान का अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक एवं पहाड़ी क्षेत्रों में काम से कम 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक पहुंच जाता है तो इसे हीट वेव की स्थिति माना जाता है।

Heat Wave On WHO Read – Click

वेव के मानक से विचलन का आधार 4.50 डिग्री सेल्सियस से 6.4 0 डिग्री सेल्सियस तक होता है। वास्तविक अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो तो इस स्थिति को चरम Heat Wave कहते हैं।

यह तो गर्मी के मौसम में हीट वेव स्वाभाविक रूप से होती है लेकिन मानव जनित गतिविधियों विशेष रूप से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन ने उनकी आवृत्ति और तीव्रता को बढ़ा दिया है।

Read Also – 1857 ki Kranti in Hindi pdf

Heat Wave के लिए मुख्य रूप से कौन-कौन से कारण जिम्मेदार होते हैं ?

जलवायु परिवर्तन –

Heat Wave का प्राथमिक चालक जलवायु परिवर्तन है जो पृथ्वी के वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों की संचय से प्रेरित होता है। जीवाश्म ईंधन जलन वनों की कटाई और औद्योगिक प्रक्रियाओं सहित विभिन्न मानवीय गतिविधियां कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन और अन्य गर्मी badaane वाली गैसों के उत्सर्जन में योगदान करती है।

यह उत्सर्जन ग्रीन हाउस प्रभाव को बढ़ाते हैं जिससे वैश्विक तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होती है और मौसम के पैटर्न में बदलाव होता है। नतीजतन Heat Wave की आवृत्ति अधिक हो जाती है और इनकी अवधि भी लंबे समय तक बढ़ जाती है।

बढ़ते शहरीकरण

इसके अलावा तेजी से बढ़ते शहरीकरण और शहरों में कंक्रीटो संरचनाओं के वृद्धि नगरी उच्च माध्यमिक प्रभाव के रूप में जानी जाने वाली घटनाओं को जन्म दे सकता है। उच्च जनसंख्या घनत्व वाली शहरी क्षेत्र इमरती और कंक्रीट की सतह अधिक गर्मी को अवशोषित करती है तथा ऊष्मा को बनाए रखती है जिस कारण Heat Wave के दौरान तापमान उच्च होता है।

Heat Wave का आतंक, ले रही हैं लोगों की जान 2024 pdf download
Image : Pixabay

प्राकृतिक घटनाएं

कभी-कभी कुछ प्राकृतिक घटनाएं भी Heat Wave की उत्पत्ति और आवृत्ति को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाती है। जैसे कि एल नीनो प्रभाव एलिनो घटना के दौरान प्रशांत महासागर का गर्म होना। वार्षिक मौसम पैटर्न को प्रभावित करता है जिससे विश्व भर में तापमान वर्षा और वायु के पैटर्न में बदलाव हो सकता है गौरतलाप है कि पिछले दशकों की तुलना में इस दशक में हीट वेव की आवृत्ति और अवधि दोनों बहुत अधिक बढ़ गई है।

Heat Wave का मनुष्यों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है

Heat Wave का मनुष्य के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक प्रभाव पड़ता है

स्वास्थ्य पर प्रभाव

सबसे पहले बात करते हैं हीट वेव का मनुष्यके स्वास्थ्य पर प्रभाव की Heat Wave मानव स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण खतरा उत्पन्न करती है जिससे गर्मी से संबंधित कई बीमारियां होती है। इसमें गर्मी से थकावट हीट स्ट्रोक और निर्जलीकरण शामिल है। कमजोर आबादी जैसे कि बुजुर्ग बच्चों और पहले से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोग विशेष रूप से इन गर्मी से संबंधित बीमारियों के प्रति संवेदनशील होते हैं।

इसके अलावा कंक्रीट संरचनाओं और सीमित हर स्थान के विशेषता वाले शहरी क्षेत्र में हीट वेव के दौरान उचित तापमान का अनुभव होता है जिसका सभी निवासियों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव बढ़ता है। हीट वेव का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य से कहीं अधिक होता है जिसमें चिंता अवसाद और नींद में कराल जैसे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे शामिल है. हालांकि उच्च तापमान अपने आप में उतना घातक नहीं होता है जितना की उच्च तापमान और उच्च आद्रता का संयोजन जिसे वेट बल्ब तापमान कहा जाता है।

यह हीट वेव को और अधिक घातक बनता है वातावरण में उच्च नमी के कारण पसीने के वाष्पित होने और शरीर को ठंडा रखने में कठिनाई होती है जिसके परिणाम स्वरुप शरीर का आंतरिक तापमान तेजी से बढ़ता है और गंभीर दुष्परिणाम देता है।

आर्थिक और सामाजिक जीवन पर प्रभाव

स्वास्थ्य के अतिरिक्त Heat Wave के आर्थिक और सामाजिक निर्धारित भी काफी व्यापक है। हीट वेव्स के सामाजिक आर्थिक परिणाम दूरगामी है जो कृषि पर्यटन और ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। विशुद्ध तापमान और पानी की कमी के कारण फैसले सूखने से कृषि उत्पादकता में गिरावट आती है जिसे भोजन की कमी हो जाती है और किसानों को आर्थिक नुकसान होता है।

इसी तरह पर्यटन उद्योग को भी नुकसान होता है क्योंकि अत्यधिक गर्मी बाहरी गतिविधियों को हतोत्साहित करती है और लोकप्रिय स्थलों का आकर्षण कम कर देती है। इसके अलावा Heat Wave हीट वेव ऊर्जा प्रणालियों पर दबाव डालती है जिससे शीतलन प्रौद्योगिकियों और बिजली की खपत की मांग बढ़ जाती है जिससे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि होती है और जलवायु परिवर्तन का चक्र कायम रहता है।

परिस्थिति तंत्र पर प्रभाव

इसके अतिरिक्त हिटमें परिस्थिति तंत्र पर गहरा प्रभाव डालती है। जैव विविधता को बाधित करती है और पर्यावरणी शरण को बढ़ाती है। अत्यधिक गर्मी पौधों और जानवरों की प्रजातियां पर दबाव डालती है जिससे निवास स्थान का नुकसान होता है। जैव विविधता काम हो जाती है और पारिस्थितिकी गतिशीलता बदल जाती है।

मूंगे की चट्टानें जो पहले से ही समुद्र के गर्म होने और अमलीकरण की वजह से खतरे में है हीट वेव की वजह से उनके अस्तित्व को और भी अधिक खतरा उत्पन्न हो रहा है। इसके अतिरिक्त गम और शुष्क परिस्थितियों के कारण लगने वाली जंगल की आज विशाल वन भूमि को नष्ट कर देती है। वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है और जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देती है।

Heat Wave के दुष्प्रभावों को कम कैसे किया जा सकता हैं ?

हीट वेव के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कौन से अनुकूलन और शमन रानीतियां अपनाई जा सकती है ? हीट वेव्स से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए अनुकूलन और शमन रणनीतियों को शामिल करते हुए एक बहु आयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। पर पर्यावरण फुटपाथों जैसे हरित बुनियादी ढांचे के माध्यम से हीट वेव की प्रकोप को काम किया जा सकता है।

इससे शहरी तप द्वीप प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी और शहर के निवासियों को भी शीतलता का अनुभव होगा। प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली और हित में प्रतिक्रिया योजनाओं को लागू करने से मानव समुदाय को अत्यधिक गर्मी की घटनाओं के लिए तैयार होने और उनके स्वास्थ्य प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।

Heat Wave का आतंक, ले रही हैं लोगों की जान 2024 pdf download
Image : Pixabay

इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के प्रयोग में वृद्धि और स्थाई भूमि प्रबंधन प्रथाओं को अपने से जलवायु परिवर्तन को काम किया जा सकता है जिससे लंबी अवधि में हीट वेव की आवृत्ति और गंभीरता कम हो सकती है।

आगे की राह क्या हो ?

बढ़ाते जलवायु परिवर्तन के युग में हीट वेव एक विकेट ज्वालामुखी चुनौती का प्रतिनिधित्व करती है जो मानव स्वास्थ्य स्थिति तंत्र और सामाजिक आर्थिक स्टार्ट के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा होती है। समस्या के समाधान के लिए वैश्विक राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।

जिसमें ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए शमन रणनीतियों और अत्यधिक गर्मी की घटनाओं के प्रति लचीलापन बढ़ाने के लिए अनुकूलन उपाय शामिल हो जलवायु कार्यवाही को प्राथमिकता देकर और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर हीट वेव के प्रभाव को काम किया जा सकता है और आने वाले पीडिया के लिए अधिक टिकाऊ और लचीले भविष्य का निर्माण किया जा सकता है।

Which is the best current affairs for students 2023?

Leave a comment